पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने शतरंज को रणनीति का खेल बताया निरंतर अभ्यास एवं कठिन परिश्रम ही जीत का मूलमंत्र मधुसूदन यादव

Hemkumar Banjare
राजनांदगांव | छात्र युवा मंच द्वारा एकदिवसीय रैपिड शतरंज प्रतियोगिता का सफल आयोजन आयोजक छात्र युवा मंच राजनांदगांव द्वारा जिले में एक दिवसीय ओपन रैपिड शतरंज प्रतियोगिता 2024 का आयोजन किया गया। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस एक दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता में रायगढ़, महासमुंद, भिलाई, रायपुर, दुर्ग, बालोद, केसीजी, एमएमसी जिला सहित कई राष्ट्रीय स्तर के एवं संस्कारधानी के स्कूल कॉलेज और स्थानीय खेलप्रेमी जनता सहित कुल 104 खिलाडी सम्मीलित हुवे, और अपने खेल का प्रदर्शन किया । इस आयोजन के उद्घाटन में पूर्व सांसद राजनंदगांव एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उनके साथ विशेष आमंत्रित अतिथिगण के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी विष्णु साव, भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश पटेल, भाजपा नेतागण सचिन बघेल, सावन वर्मा, किसुन यदु, हर्ष (गुड्डा) रामटेके, मनोहर यादव, रघुवीर वाधवा, हरीश शर्मा, सुश्री आभा तिवारी एवं श्रीमती माधुरी जैन मंच पर उपस्थित रहे। आयोजन समिति की ओर से छात्र युवा मंच के अध्यक्ष नागेश यदु, जगदलपुर के विख्यात शतरंज खिलाड़ी एवं कोच रजनीकांत बक्शी, राष्ट्रीय खिलाड़ी श्रेणिक डाकलिया एवं ओज गुप्ता सहित आयोजक सदस्य प्रशांत गुप्ता, प्रियंक सोनी, समीर गजभिये, वैभव राजपूत एवं अन्य साथी उपस्थित रहे । अतिथिगण का उद्बोधन सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ता एवं समाजसेवी विष्णु साव ने देशभक्ति से ओतप्रोत संक्षिप्त एवं सारगर्भित उद्बोधन में राष्ट्र की उन्नति के लिये सभी से योगदान करने का आव्हान करते हुए कहा कि - बढ़े चलो, बढ़े चलो, संगठन गढ़े चलो, भला हो जिसमें देश का, काम वो करे चलो। पूर्व सांसद मधुसूदन ने अपने उद्बोधन में छात्र युवा मंच को सफल आयोजन के लिये बधाई दी और शतरंज के खेल को रणनीति का खेल बताया जिसमें दो हाथी, दो घोड़े, दो ऊॅठ, आठ सिपाही, एक वजीर और एक राजा के बीच सामंजस्य बिठाकर जीत के लिये बेहतर रणनीति बनाते हुए खेलना होता है। उन्होंने निरंतर अभ्यास एवं कठिन परिश्रम को सफलता का मूलमंत्र बताते हुए खिलाड़ियों को अपनी हार से भी सीख लेने के लिये प्रेरित किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष नागेश यदु ने बताया कि यह प्रतियोगिता शतरंज की स्विस पद्धति पर आयोजित है, जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी ने सात चक्र में अलग-अलग प्रतिद्वंदी से मुकाबला किया है और सात मैच में जीत हार या ड्रा खेलने के आधार पर प्राप्त अंक जोड़कर सातों चक्रों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले भिलाई के प्रतिभागी यशद बांबेश्वर को विजेता घोषित किया गया है।
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