राजनांदगांव। पुरवाही साहित्य समिति पाटेकोहरा, छुरिया द्वारा शहीद ग्राम बादराटोला में मासिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. श्रीमद्भागवत कथा स्थल में आयोजित इस साहित्यिक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखन लाल साहू लहर अध्यक्ष साकेत साहित्य परिषद सुरगी थे एवं अध्यक्षता साकेत के महत्वपूर्ण स्तंभ और वरिष्ठ साहित्यकार महेन्द्र कुमार बघेल मधु ने की. “स्वतंत्रता संग्राम में छुरिया विकासखण्ड का योगदान” विषय पर आयोजित परिचर्चा के मुख्य वक्ता साकेत के पूर्व अध्यक्ष और पुरवाही के संयोजक ओमप्रकाश साहू अंकुर थे. उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को स्वतंत्रता संग्राम में छुरिया विकासखण्ड के योगदान के बारे में सविस्तार से बताया.अंकुर ने कहा कि छुरिया विकासखण्ड के सपूतों ने आजादी की लड़ाई में बढ़- चढ़ कर भाग लिया. मातृभूमि की रक्षा खातिर जेल गए और अंग्रेजी शासन की प्रताड़ना को झेले. इसके बावजूद भी उनके जोश खरोश में कमी नहीं आई. उन्होंने बताया कि अंग्रेज सरकार की गलत वन नीति के कारण छुरिया क्षेत्र के रहवासियों को भारी दिक्कतो का सामना करना पड़ता था. इस कारण जंगल सत्याग्रह ने काफी जोर पकड़ लिया. 21 जनवरी 1940 को जंगल सत्याग्रह चिरचारीकला से बागद्वार होते हुए बादरटोला पहुंचा . यहां बुद्धु लाल साहू आंदोलन के प्रमुख नेता थे. जब तत्कालीन मजिस्ट्रेट सुखदेव प्रसाद को यह खबर मिली कि बादराटोला में सत्याग्रहियों की बैठक चल रही है और जनता अंग्रेज सरकार से बगावत पर उतर आए हैं तो उन्होंने डोंगरगांव थानेदार के साथ हथियार बंद जवानों को लेकर बादराटोला पहुंच
शहीद ग्राम बादराटोला में पुरवाही की मासिक गोष्ठी आयोजित
3/27/2023 07:42:00 am
गए . पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई जिसमें बादराटोला के रेवती दास को गोली लगने पर घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया वहीं रामाधीन गोंड के छाती में गोली लगने से शहीद हो गए. उन्होंने छुरिया क्षेत्र की स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तुलसी प्रसाद मिश्रा ,विश्वेश्वर प्रसाद यादव, विद्या प्रसाद यादव, विश्राम दास बैरागी, बहुर सिंह ठाकुर का जिक्र करते हुए आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को रेखांकित किया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखन लाल साहू लहर ने कहा कि आज हम सब खुली हवा में जो सांस ले पा रहे हैं तो उनके पीछे हमारे आजादी के दीवानों का अमूल्य योगदान रहा है. अपनी मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियो को नमन करता हूं जिनकी बदौलत हमारा देश सदियों की दासता से मुक्त हुआ.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महेन्द्र कुमार बघेल मधु ने परिचर्चा को सार्थक करार देते हुए पुरवाही समिति के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी से हमें शोषण, अत्याचार के विरुद्ध लड़ने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि अपने हक की लड़ाई खातिर किसी मसीहा का इंतजार मत करो. अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी होगी.
वरिष्ठ साहित्यकार और छंदकार महेन्द्र कुमार बघेल मधु, लखन लाल साहू लहर अध्यक्ष, साकेत साहित्य परिषद सुरगी, ग्वाला प्रसाद यादव नटखट सचिव पुरवाही समिति ने सार्थक विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर हिरेन्द्र कुमार साहू समाज सेवी, कलमकार भूखन वर्मा, गीतकार,छंदकार रमेश कुमार मंडावी, छंदकार नंद कुमार साहू नादान,बेद राम पटेल , विपला साहू, शोभा दास साहू ग्राम पटेल बादराटोला , केदार साहू ,रोहित साहू बादराटोला सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे. कलमकारों ने जंगल सत्याग्रह के दौरान शहीद हुए रामाधीन गोंड को नमन किया. कार्यक्रम में उपस्थित सभी साहित्यकारो को कथावाचक पं. विनोद बिहारी गोस्वामी ने आयोजक केदार साहू और रोहित साहू की ओर से स्नेह भेंट प्रदान किए.कार्यक्रम का संचालन हास्य व्यंग कवि ग्वाला प्रसाद यादव नटखट ने और धन्यवाद ज्ञापन आयोजक रोहित साहू ने किया.
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