राजनांदगांव। खुर्सीपार डोगरगढ़ के निवासी सुमरन बंजारे पिता बिसराम बंजारे ने कहा कि मैं गरीब आदमी और रोजी मजदूरी करके 6 लाख का मकान बनाया था पट्टा खसरा नंबर 519 प्लांट नंबर 66 के टुकड़ों में निवास करता था करीबन 18 माह से निवास कर रहा था मकान बनाते समय कोई भी व्यक्ति आपत्ति नहीं किया था मकान बनने के 3 माह के बाद अश्वनी कोसरे पिता मंगल कोसरे ने आपत्ति किया तहसिल दार के द्वारा दिनांक 18/7/2022 को आदेश कर दिया कि मकान निर्माण कार्य को रोका जाए तहसील ऑफिस में उपस्थिति होने का आदेश किया था जिसमें मेरे( सुमरन बंजारे ) द्वारा नोटिस में उपस्थिति होता रहा दिनांक 14/12/2022 को तहसीलदार के द्वारा पेशी उपस्थिति खारिज कर दिया गया मेरे ( सुमरन बंजारे )को तहसीलदार के द्वारा 50,000 रुपए की मांग किया था मेरे द्वारा नही दिया गया तो दिनांक 11/04/2023 को तहसीलदार के द्वारा आदेश कर दिया गया कि अतिक्रमण को हटाया जाए और 14/04/ 2023 को डोगरगढ़ तहसीलदार उपस्थित होकर मेरे ( सुमरन बंजारे ) मकान को तोड़ – फोड़ कर दिया ही नहीं बल्कि तहसीलदार के द्वारा रसोई के और निजी जीवन जीने के समान को जेसीबी चलाकर कुचल दिया गया डोगरगढ़ तहसीलदार के द्वारा मेरे ( सुमरन बंजारे ) को कुछ भी समय नहीं दिया गया सामान हटाने का घर को तहस-नहस तो किया गया लेकिन मेरे नीजी जीवन जीने के समान को भी तहस-नहस कर दिया अब मुझे और मेरे परिवार को घर से बेघर कर दिया मेरे परिवार के रहने के लिए कोई मकान नहीं है निजी जीवन जीने के लिए कोई समान नहीं है मैं ( सुमरन बंजारे ) गांव के किसान खबरें के द्वारा शासन प्रशासन तक अपनी बात को रख रहा हूं की अब मैं और मेरी परिवार कहां रहेंगे और क्या खाएंगे ।