राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों की वित्तीय सशक्तिकरण और स्वरोजगार आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक दिवसीय बैंकर्स कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत सभागार मोहला में किया गया।
कार्यशाला में नेशनल रिसोर्स पर्सन श्री सुधाकर सतपथी एवं राज्य स्तरीय विशेषज्ञ श्री दिलीप साहू द्वारा तकनीकी सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को स्व-सहायता समूहों कों क्रेडिट लिंकेज की प्रक्रिया, लक्ष्य, ब्याज अनुदान योजना, कम्युनिटी बेस्ड रिकवरी मैकेनिज्म, वित्तीय साक्षरता तथा समूह सदस्यों की क्षमता संवर्धन से जुड़ी व्यवहारिक जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में लीड बैंक मैनेजर, जिले के समस्त बैंक शाखा प्रबंधक, बैंक सखी, ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर, एरिया कोऑर्डिनेटर, पीआरपी, वित्तीय साक्षरता रिसोर्स पर्सन और बैंक मित्र सहित विभिन्न हितधारकों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यशाला के दौरान स्व-सहायता समूहों की आजीविका गतिविधियों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए बैंकिंग प्रक्रियाओं की स्पष्टता पर जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने अपने अनुभवों और जमीनी चुनौतियों को साझा करते हुए विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।
इस अवसर पर महिला स्व-सहायता समूहों की भूमिका को सराहते हुए यह संकल्प लिया गया कि बैंकिंग संस्थान एवं मिशन टीमें मिलकर स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को सतत वित्तीय सहयोग और तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराते रहेंगे, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर और सशक्त रूप से अग्रसर हो सकें।
कार्यशाला में नेशनल रिसोर्स पर्सन श्री सुधाकर सतपथी एवं राज्य स्तरीय विशेषज्ञ श्री दिलीप साहू द्वारा तकनीकी सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को स्व-सहायता समूहों कों क्रेडिट लिंकेज की प्रक्रिया, लक्ष्य, ब्याज अनुदान योजना, कम्युनिटी बेस्ड रिकवरी मैकेनिज्म, वित्तीय साक्षरता तथा समूह सदस्यों की क्षमता संवर्धन से जुड़ी व्यवहारिक जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में लीड बैंक मैनेजर, जिले के समस्त बैंक शाखा प्रबंधक, बैंक सखी, ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर, एरिया कोऑर्डिनेटर, पीआरपी, वित्तीय साक्षरता रिसोर्स पर्सन और बैंक मित्र सहित विभिन्न हितधारकों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यशाला के दौरान स्व-सहायता समूहों की आजीविका गतिविधियों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए बैंकिंग प्रक्रियाओं की स्पष्टता पर जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने अपने अनुभवों और जमीनी चुनौतियों को साझा करते हुए विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।
इस अवसर पर महिला स्व-सहायता समूहों की भूमिका को सराहते हुए यह संकल्प लिया गया कि बैंकिंग संस्थान एवं मिशन टीमें मिलकर स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को सतत वित्तीय सहयोग और तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराते रहेंगे, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर और सशक्त रूप से अग्रसर हो सकें।