हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें तथा घर के आसपास को साफ-सुथरा रखें ताकि मच्छर न पनप पाए और मलेरिया संक्रमण से बचाव किया जा सके। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देशन में जिले में विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर विविध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न ने विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर बताया कि मलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं में यह अभी भी एक गंभीर चुनौती है। पिछले दो दशकों में मलेरिया के उन्मूलन के लिए चलाए गए वैश्विक कार्यक्रमों के परिणाम स्वरूप मलेरिया के आंकड़ों में कमी तो आई है, लेकिन अभी भी इस पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। इस पर संपूर्ण नियंत्रण के लिए जारी प्रयासों के क्रम में हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न ने बताया की मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। साथ ही हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसलिए घर के आसपास को साफ-सुथरा रखें। जिला कार्यक्रम प्रबंधक रास्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री संदीप ताम्रकार ने बताया की विश्व मलेरिया दिवस के अवसर इस साल भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहरी एवं विकासखंड स्तर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि जागरूकता कार्यक्रमों के परिणाम स्वरूप मलेरिया संक्रमण के आंकड़े में जिले में हर साल गिरावट दर्ज की जा रही है। जिले के विकासखण्डों, संवेदनशील गांवों, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती सभी गांवों, सीआरपीएफ, आईटीबीपी कैम्प तथा पुलिस चौकी जैसे अन्य स्थानों पर मलेरिया उन्मूलन के लिए समय-समय पर गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। जिले के अति संवेदनशील ग्रामों में मलेरिया, डेंगू एवं अन्य कीटनाशक बीमारियों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करने हेतु जनजागरूकता मितानिन जिम्मेदारी से निभा रही हैं। वे हर शाम 7 बजे सीटी बजाकर लोगों को मच्छरदानी लगाने की याद दिलाती हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न ने बताया की मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, शरीर पर दाने, नाक से खून आना या उल्टी में खून आना जैसी कोई भी शिकायत होने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। साथ ही हमेशा मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसलिए घर के आसपास को साफ-सुथरा रखें। जिला कार्यक्रम प्रबंधक रास्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री संदीप ताम्रकार ने बताया की विश्व मलेरिया दिवस के अवसर इस साल भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहरी एवं विकासखंड स्तर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि जागरूकता कार्यक्रमों के परिणाम स्वरूप मलेरिया संक्रमण के आंकड़े में जिले में हर साल गिरावट दर्ज की जा रही है। जिले के विकासखण्डों, संवेदनशील गांवों, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती सभी गांवों, सीआरपीएफ, आईटीबीपी कैम्प तथा पुलिस चौकी जैसे अन्य स्थानों पर मलेरिया उन्मूलन के लिए समय-समय पर गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। जिले के अति संवेदनशील ग्रामों में मलेरिया, डेंगू एवं अन्य कीटनाशक बीमारियों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करने हेतु जनजागरूकता मितानिन जिम्मेदारी से निभा रही हैं। वे हर शाम 7 बजे सीटी बजाकर लोगों को मच्छरदानी लगाने की याद दिलाती हैं।