मरीज सुमित्रा महंत उम्र 44 वर्ष, बिलाईगढ़, सिदवा जिला चांपा की रहने वाली है। विगत 6 माह से वे होठो में बढ़ती गठान से परेशान थी, उसका चेहरा विकृत हो रहा था और वह कहीं आने-जाने में हीनता महसूस करती थी। धीरे-धीरे उसे बात करने और खाने में भी असुविधा होने लगी उसने आस पास के सभी प्रकार के डॉक्टरों को दिखाया इलाज कराया पर कहीं राहत नहीं मिली बल्कि तकलीफ बढ़ती जा रही थी। तभी उन्हें पता चला कि इसका इलाज मेडिकल कॉलेज रायगढ़ के कान नाक गला विभाग में हो सकता है।
सुमित्रा महंत रायगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचकर डॉक्टरों के समक्ष अपनी परेशानी बतायी। विशेषज्ञ चिकित्सक, डॉ जया, डॉ.दिनेश, डॉ नीलम ने उनकी जाँच की और उन्हे कैंसर होना बताया गया। जिसे सुनकर सुमित्रा आशंकित एवं भयभीत हो गई। विशेषज्ञ ने उन्हे बताया इसका इलाज यहाँ संभव है वह भी सरकारी हॉस्पिटल में, उनकी शंका और झिझक को दूर किया गया और उन्होंने अपने ऑपरेशन की सहमति दी। ईएनटी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा सुमित्रा महंत का सफल इलाज कर उसकी मुस्कान लौटा दी। अंतत: रोगी पूर्णत: स्वस्थ हैं उन्हें डिस्चार्ज किया गया।
डॉ दिनेश पटेल, विशेषज्ञ सर्जन एवं सहप्राध्यापक ईएनटी ने बताया कि मरीज को होठ का कैंसर था, यह सिर के कैंसर का एक प्रकार है जिसमे होंठ विकृत हो जाते है और मरीज को मुस्कुराने, बात करने, खाने में कठिनाई होती है इसमें विकृत हिस्सा निकाल दिया जाता है और आसपास के ऊतको से चेहरा दोबारा बनाया जाता है यह चेहरे के प्लास्टिक सर्जरी है यह पहले बड़े जगह पर ही संभव था। इस ऑपरेशन में लगभग 2 से 3 लाख रुपए का खर्च होता है। जो यहाँ आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क इलाज हुआ। मरीज को किसी भी तरह का कोई रुपए देना नहीं पड़ा।
कान, नाक, गला रोग विभाग की सर्जन टीम में विभागाध्यक्ष डॉ जया साहू, डॉ दिनेश पटेल सहप्राध्यापक, डॉ नीलम नायक सहायक प्राध्यापक, डॉ आयुषी सिंह, डॉ अनिता कुमारी, डॉ स्वाति पवार, डॉ रमेश पटेल, डॉ भावेश साहू, डॉ ख़ुशबू पटेल, डॉ तरुण शर्मा, डॉ निहारिका अम्बस्ट एवं निश्चेतना विभाग टीम के विभागाध्यक्ष डॉ.ए.एम लकड़ा के विशेष सहयोग द्वारा जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया गया।