दुर्ग। गांव की किसान खबरें
जिले में मनरेगा के तहत 100 प्रतिशत कार्यों का मूल्यांकन ई-एमबी (इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट बुक) के माध्यम से 10 मार्च 2025 से शुरू किया गया है। इस नए व्यवस्था के तहत, अब सभी निर्माण कार्यों का मूल्यांकन और सत्यापन ऑनलाइन ई-एमबी मॉड्यूल से दर्ज किया जाएगा।
जिला पंचायत के सीईओ श्री बजरंग दुबे से मिली जानकारी अनुसार ई-एमबी मॉड्यूल के तहत, किसी भी निर्माण कार्य का मूल्यांकन, सत्यापन और बिल भुगतान सीधे इस मॉड्यूल में किया जाएगा। बिना इस मॉड्यूल के बिल मूल्यांकन और सत्यापन के मस्टर रोल और बिल का भुगतान नहीं किया जा सकेगा। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए संबंधित तकनीकी सहायक, उप अभियंता, और अनुविभागीय अधिकारी को लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्रदान किए गए हैं, और सभी को डीपीसी (डिस्ट्रिक्ट पंचायत कोऑर्डिनेटर) द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया है।
माप पुस्तिका (मेजरमेंट बुक) निर्माण कार्यों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें सभी कार्यों की माप, सामग्री की मात्रा, श्रमिकों का समय, और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज रहती है। इस प्रक्रिया के तहत, किसी भी काम को मापने, सामग्री की गिनती करने, और समय का रिकॉर्ड रखने के लिए एमबी (माप पुस्तिका) का उपयोग किया जाता है। इसके बाद, कार्य का सत्यापन और मूल्यांकन अनुविभागीय अधिकारी (ग्रामीण विकास विभाग) के माध्यम से ऑनलाईन किया जाएगा, और फिर भुगतान के लिए भेजा जाएगा।
जिला पंचायत के सीईओ श्री बजरंग दुबे से मिली जानकारी अनुसार ई-एमबी मॉड्यूल के तहत, किसी भी निर्माण कार्य का मूल्यांकन, सत्यापन और बिल भुगतान सीधे इस मॉड्यूल में किया जाएगा। बिना इस मॉड्यूल के बिल मूल्यांकन और सत्यापन के मस्टर रोल और बिल का भुगतान नहीं किया जा सकेगा। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए संबंधित तकनीकी सहायक, उप अभियंता, और अनुविभागीय अधिकारी को लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्रदान किए गए हैं, और सभी को डीपीसी (डिस्ट्रिक्ट पंचायत कोऑर्डिनेटर) द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया है।
माप पुस्तिका (मेजरमेंट बुक) निर्माण कार्यों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें सभी कार्यों की माप, सामग्री की मात्रा, श्रमिकों का समय, और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज रहती है। इस प्रक्रिया के तहत, किसी भी काम को मापने, सामग्री की गिनती करने, और समय का रिकॉर्ड रखने के लिए एमबी (माप पुस्तिका) का उपयोग किया जाता है। इसके बाद, कार्य का सत्यापन और मूल्यांकन अनुविभागीय अधिकारी (ग्रामीण विकास विभाग) के माध्यम से ऑनलाईन किया जाएगा, और फिर भुगतान के लिए भेजा जाएगा।