शोभा ने बताया कि वह अपने पति बंशी बघेल के साथ विभिन्न स्थानों में शीशल कला का ट्रेनिंग भी दे रही हैं जिसके तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिला स्व सहायता समूहों के साथ ही केंद्रीय विद्यालय जगदलपुर, नवोदय विद्यालय जगदलपुर के छात्र-छात्राओं को शीशल कला का प्रशिक्षण प्रदान किया है। वहीं वर्तमान में समीपवर्ती ओड़ीसा राज्य के बलांगीर जिले के नवोदय विद्यालय बेलपाड़ा में शीशल कला का प्रशिक्षण दे रही हैं। शोभा बताती हैं कि विकासखण्ड बस्तर अंतर्गत ग्राम पंचायत के परचनपाल में एनआरएलएम के तहत फरवरी 2016 में गठित स्व-सहायता समूह से जुड़ी और पूर्व से ही शीशल की कलात्मक सामग्री डायनिंग मेट, नाव, झूमर, गुड़िया, बास्केट, साईड पर्स, झूला, दिवाल इंजिन, लेटर होल्डर आदि शीशल उत्पाद बना रहे हैं। जिसके माध्यम से उनकी आजीविका और आय में वृद्धि कर परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर रहे हैं। बिहान कार्यक्रम से जुड़ने से उन्हें आजीविका के लिए नई दिशा मिली और स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता के साथ ही तैयार उत्पाद का उचित दाम मिलने लगा, जिससे समूह से जुड़ी महिलाओं के जीवन में भी खुशहाली आयी है। बिहान के माध्यम से रिवालिंग फण्ड सहित सामुदायिक निवेश कोष एवं बैंक लिंकेज के माध्यम से उक्त शीशल कला उत्पाद से जुड़ी महिलाओं को दो लाख रुपए से अधिक की सहायता उपलब्ध कराई गई है। जिससे वे सभी महिलाएं अपनी शीशल कला को देश-विदेश में पहुंचाने के लिए पूरी तन्मयता से जुटी हुई हैं।
शीशल कला को बस्तर अंचल के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचा रही शोभा बघेल
3/11/2025 02:33:00 pm
शोभा ने बताया कि वह अपने पति बंशी बघेल के साथ विभिन्न स्थानों में शीशल कला का ट्रेनिंग भी दे रही हैं जिसके तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिला स्व सहायता समूहों के साथ ही केंद्रीय विद्यालय जगदलपुर, नवोदय विद्यालय जगदलपुर के छात्र-छात्राओं को शीशल कला का प्रशिक्षण प्रदान किया है। वहीं वर्तमान में समीपवर्ती ओड़ीसा राज्य के बलांगीर जिले के नवोदय विद्यालय बेलपाड़ा में शीशल कला का प्रशिक्षण दे रही हैं। शोभा बताती हैं कि विकासखण्ड बस्तर अंतर्गत ग्राम पंचायत के परचनपाल में एनआरएलएम के तहत फरवरी 2016 में गठित स्व-सहायता समूह से जुड़ी और पूर्व से ही शीशल की कलात्मक सामग्री डायनिंग मेट, नाव, झूमर, गुड़िया, बास्केट, साईड पर्स, झूला, दिवाल इंजिन, लेटर होल्डर आदि शीशल उत्पाद बना रहे हैं। जिसके माध्यम से उनकी आजीविका और आय में वृद्धि कर परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर रहे हैं। बिहान कार्यक्रम से जुड़ने से उन्हें आजीविका के लिए नई दिशा मिली और स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता के साथ ही तैयार उत्पाद का उचित दाम मिलने लगा, जिससे समूह से जुड़ी महिलाओं के जीवन में भी खुशहाली आयी है। बिहान के माध्यम से रिवालिंग फण्ड सहित सामुदायिक निवेश कोष एवं बैंक लिंकेज के माध्यम से उक्त शीशल कला उत्पाद से जुड़ी महिलाओं को दो लाख रुपए से अधिक की सहायता उपलब्ध कराई गई है। जिससे वे सभी महिलाएं अपनी शीशल कला को देश-विदेश में पहुंचाने के लिए पूरी तन्मयता से जुटी हुई हैं।
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