फसल उत्पादन क्षमता बढ़ाने, प्रोसेसिंग प्लांट सहित उत्पादों की वैल्यू एडिशन करने पर जीडीपी में होगी बढ़ोत्तरी

Hemkumar Banjare
राजनांदगांव । गांव की किसान खबरें
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में केन्द्रीय योजना क्षेत्र अंतर्गत जिला स्तरीय मानिटरिंग समिति (डीएमसी) की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि हमारा देश तेजी से विकास पथ पर अग्रसर है। शीघ्र ही हमारा देश विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था में शामिल हो जाएगा। सभी क्षेत्र अच्छा कार्य करेंगे तभी हम लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हंै। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में 44 प्रतिशत कार्य शक्ति लगी हुई है। जिसके अंतर्गत कृषि क्षेत्र से हमारे देश को लगभग 13-14 प्रतिशत जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में योगदान मिल रहा है। हमें कृषि क्षेत्र से जीडीपी के लिए और अधिक परिणाममूलक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विदेशों में एक हेक्टेयर में फसल का तीन गुना उत्पादन ज्यादा है, वहीं कम श्रमिकों की आवश्यकता होती है। हमें इस बात पर विशेष तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि हम कैसे फसल उत्पादन क्षमता बढ़ा सकते है तथा प्रोसेसिंग प्लांट लगाकर उत्पादों की वैल्यू एडीशन करेंगे तो जीडीपी में बढ़त होगी। इसके लिए अधोसंरचना, कच्चा सामग्री, ई-नाम प्लेटफार्म का उपयोग कर सकते हैं। पैकेजिंग, ब्राडिंग एवं मार्केटिंग से अच्छी गुणवत्ता के उत्पादों की बिक्री से किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि नाबार्ड, कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता, पशुपालन, लीड बैंक सहित अन्य संबंधित विभाग संयुक्त रूप से इस दिशा में बेहतरीन कार्य करें। उन्होंने कहा कि किसानों में आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है, ताकि वे अच्छा कार्य कर सकें। किसानों को मजबूत बनाने के लिए संभावनाओं की तलाश करें, उनका मार्गदर्शन करें तथा उनकों सुविधाएं प्रदान करें। किसानों को मजबूती प्रदान करने के लिए हमें भी अपने ज्ञान, कौशल, विचारों में समृद्ध होना चाहिए। आने वाले समय में बदलते मौसम के कारण कृषि उत्पादों में भरपूर उत्पादन की संभावना है। किसी भी खाद्यान्न पदार्थ की मांग बढऩे पर उसका उत्पादन बढ़ा सकते है। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में स्थायी विकास के दृष्टिगत कार्य करने की जरूरत है। इस कार्य को अंजाम देने के लिए जुनून होना चाहिए तथा मिशन मोड में कार्य होना चाहिए। कलेक्टर ने इस अवसर पर राजनांदगांव जिले के संभाव्यतायुक्त ऋण योजना किताब का विमोचन किया।
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने राजनांदगांव जिले के कृषि उत्पादन संगठन (एफपीओ), साथी परियोजना क्रियान्वयन, वित्तीय साक्षरता तथा धान के बदले अन्य फसल एवं फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने ग्राम इरईकला, कोकपुर एवं बागरेकसा में कृषक उत्पादन संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी ली। चर्चा के दौरान बताया गया कि देश एवं प्रदेश में मृदा में कार्बन की कमी से आने वाले वर्षों में अंकुरण क्षमता में कमी आ सकती है। इसके लिए पर्यावरण, पारिस्थितिकी तंत्र तथा सूक्ष्म जीव का संरक्षण एवं संवर्धन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कीटनाशक के कारण भूमि में कार्बन एवं अन्य पोषक तत्व एवं सूक्ष्म जीव में कमी आ रही है। इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। कलेक्टर ने कहा कि सभी तरह के नवाचार, नवीनतम तकनीक से किसानों को लैस करें तथा उन्हें सही दिशा एवं मार्गदर्शन प्रदान करें। इस दौरान फसल विविधीकरण, औषधीय पौधों की खेती के संबंध में चर्चा की गई। इसके साथ ग्राम पटेवा में चना, महिला स्वसहायता समूह को कृषि उत्पादन संगठन से जोडऩे तथा किसानों को सभी योजनाओं से लाभान्वित करते हुए अधिकतम सब्सिडी दिलाने के संबंध में चर्चा की गई।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के प्रबंधक श्री मनोज नायक ने बताया कि जिले में किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण, वित्तीय साक्षरता एवं फसल विविधीकरण के लिए विभिन्न आयामों में कार्य किया जा रहा है। उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डेय ने कहा कि रखिया की खेती भी किसानों के लिए फायदेमंद है। रखिया से पेठा, बड़ी एवं अन्य तरह की मिठाई बन सकती है। सहायक आयुक्त सहकारिता श्रीमती शिल्पा अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष मनाया जा रहा है। जिले में किसानों को फसल के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज ऋण हेतु केसीसी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही किसान रूपे कार्ड एवं माइक्रो एटीएम के लिए आवेदन कर सकते है। वित्तीय साक्षरता के साथ ही केसीसी एवं अन्य मुद्दों के संबंध में जानकारी दी। लीड बैंक मैनेजर श्री मुनिष शर्मा ने कहा कि किसानों के सशक्तिकरण के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियों एवं कृषि उत्पादक संगठन को सहयोग देने के लिए बैंक सेक्टर मदद करेंगे। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईपीएस श्री ईशु अग्रवाल, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. गुंजन झा, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. अनुप चटर्जी, विट्रो बायो टेक्नोलॉजी के श्री हेमंत प्रधान एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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