hindi news बेटे की एक आवाज सुनाई , एआई वॉइस क्लोनिंग के जरिए पूरे 12 लाख 70 हजार रुपए का चूना लगाया गया है

Hemkumar Banjare
गाजियाबाद | गाँव की किसान खबरे www.gaonkikisankhabren.com ठगी के नए-नए तरीकों के बीच जालसाजी का अब एक ऐसा तरीका सामने आया है, जिसे जानकर शायद आप भी हैरान रह जाएंगे। ये मामला है एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वॉइस क्लोनिंग का, जिसके जरिए यूपी के गाजियाबाद में जालसाजों ने पूरे 12 लाख 70 हजार रुपए की ठगी की है। परिवार को उनके बेटे की रोती हुई आवाज सुनाई गई और बचाने के एवज में इस रकम की मांग की गई। ऐसे में आपके लिए भी ये जानना बहुत जरूरी है कि आखिर ये एआई वॉइस क्लोनिंग क्या है और इसके जरिए लोगों को कैसे ठगा जाता है | एआई वॉइस क्लोनिंग से कैसे ठगे 12.70 लाख रुपए सबसे पहले आपको बताते हैं कि गाजियाबाद के इस परिवार को कैसे ठगा गया। बुधवार को गाजियाबाद के राजनगर में रहने वाले एक कारोबारी के मोबाइल पर एक वॉटसऐप कॉल आई और दूसरी तरफ से बताया गया कि वो दिल्ली पुलिस के अफसर बोल रहे हैं। कॉल पर कहा गया कि उनका बेटा रेप केस में पकड़ा गया है और अगर मामले को यहीं रफा-दफा करना है तो उसके लिए रुपए देने होंगे। परिवार को इनकी बात पर यकीन आ जाए, इसके लिए उनके बेटे से भी फोन पर बात कराई गई, जो रोते हुए खुद को बचाने की गुहार लगा रहा था। बेटे के फोन पर कॉल की तो पता चला सच परिवार को यकीन आ गया कि उनका बेटा वाकई रेप केस में फंस गया है और उन्होंने ठगों के पास 12 लाख 70 हजार रुपए भेज दिए। इस दौरान परिवार के दूसरे लोगों को भी कॉल कर यही बात बताई गई। ठगों ने जब और ज्यादा रुपयों की मांग की, तो परिवार को शक हो गया और उन्होंने अपने बेटे के मोबाइल पर फोन किया। जब परिवार को पता चला कि उनका बेटा तो सही सलामत है तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। इसके बाद वो अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे और मामला दर्ज कर अब इस केस की जांच की जा रही है। क्या होती है एआई वॉइस क्लोनिंग? एआई वॉइस क्लोनिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें किसी भी इंसान की आवाज की हूबहू नकली आवाज तैयार की जाती है। इस नकली आवाज को तैयार करने के लिए महज 3 या 4 सेकंड की ऑडियो रिकॉर्डिंग ही काफी होती है। सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कंपनी McAfee का कहना है कि केवल बेसिक जानकारी और थोड़े से अनुभव के जरिए किसी भी शख्स की आवाज से 85 फीसदी मिलती जुलती नकली आवाज तैयार की जा सकती है। वहीं, वॉइस क्लोनिंग के एक्सपर्ट कुछ छोटी-छोटी ऑडियो फाइल्स के जरिए 95 फीसदी तक मिलती हुई नकली आवाज तैयार कर सकते हैं। एआई वॉइस क्लोनिंग के जाल से कैसे बचें? अपने फोन नंबर और ईमेल आईडी सहित जरूरी जानकारी को हर किसी के साथ शेयर करने से बचें। हमेशा अपने स्मार्टफोन में कॉलर आईडी फीचर को ऑन रखें। ये फीचर इस बात से अलर्ट रखेगा कि आपको कौन और कहां से फोन कर रहा है। साथ ही आपके फोन पर आने वाली कॉल स्कैम है या फिर कोई मार्केटिंग कॉल, ये भी पता चल जाता है। अगर कभी इस तरह से कोई कॉल आपके पास आए, तो सबसे पहले जिसके बारे में कॉल है उसे फोन करके हकीकत जानें। शक होने पर तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचना दें।
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